का ते कान्ता कस्ते पुत्रः

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श्लोकाचे बोल
- का ते कान्ता कस्ते पुत्रः
- संसारोsयमतीव विचित्रः
- कस्य त्वं कुत आयातः
- तत्त्वं चिंतय तदिह भ्रातः
अर्थ
कोण पत्नी? कोण पुत्र?
(या नात्यांत गुंफलेला) हा संसार किती विचित्र आहे! तू कोणाचा? कोठून आलास? हे बंधो! या सगळ्या सत्याचा तू नीट विचार कर!

स्पष्टीकरण
| का ते | तुझी कोण? |
|---|---|
| कान्ता | पत्नी |
| कः ते | तुझा कोण? |
| पुत्रः | मुलगा |
| संसारः | प्रपंच |
| अयम् | हा |
| अतीव | किती |
| विचित्र | गूढ |
| कस्य | कोणाचा? |
| त्वम् | तू |
| कः | कोण |
| कुतः | कुठून? |
| आयातः | आलास |
| तत्त्वं | सत्य |
| चिन्तय | नीट विचार कर |
| तदिह | या बाबतीतले |
| भ्रातः | हे बंधो |
Overview
- Be the first student
- Language: English
- Duration: 10 weeks
- Skill level: Any level
- Lectures: 0
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