पुनरपि जननं पुनरपि मरणं
ऑडियो
गीत
- पुनरपि जननं पुनरपि मरणं, पुनरपि जननी जठरे शयनम् ।
- इह संसारे बहुदुस्तारे, कृपया पारे पाहि मुरारे ।।
अर्थ
बार जन्म लेना और बार-बार मृत्यु को प्राप्त होना, बार-बार माता के गर्भ में निवास करना यही चक्र चलता रहता है। संसार के इस चक्र से छुटकारा पाना और उससे मुक्त होना अत्यंत कठिन है । हे मुरारी आप ही कृपा करें और मुझे भवसागर से पार कराइए ।
व्याख्या
पुनरपि | फिर से, बार-बार |
---|---|
जननम् | जन्म लेना |
मरणम् | मृत्यु |
जननी | माता |
जठरे | पेट, गर्भ |
शयनम् | सोना, निद्रा |
इह | इस |
संसारे | दुनिया में |
बहु | बहुत |
दुस्तारे | अत्यंत कठिन |
कृपया | कृपा करके |
पारे | पार करो |
पाहि | रक्षा |
मुरारे | कृष्ण |
Overview
- Be the first student
- Language: English
- Duration: 10 weeks
- Skill level: Any level
- Lectures: 0
The curriculum is empty