आरती

ऑडिओ
भजनाचे बोल
- ॐ जय जगदीश हरे
- स्वामी सत्यसाई हरे
- भक्तजना संरक्षक
- भक्तजना संरक्षक
- पर्ती महेश्वरा
- ॐ जय जगदीश हरे ।।
- शशीवदना श्रीकरा सर्वा प्राणपते
- स्वामी सर्वा प्राणपते ।
- आश्रित कल्पलतिका
- आश्रित कल्पलतिका
- आपद बांधवा!
- ॐ जय जगदीश हरे ।।
- माता पिता गुरुदेवं मरि अंतयु नीवे
- स्वामी मरि अंतयु नीवे ।
- नादब्रह्म जगन्नाथा
- नादब्रह्म जगन्नाथा
- नागेन्द्राशयना
- ॐ जय जगदीश हरे।
- ॐ काररुपा ओजस्वी ओम् साईमहादेवा
- सत्यसाई महादेवा
- मंगल आरती अंदुको
- मंगल आरती अंदुको
- मंदर गिरिधारि
- ॐ जय जगदीश हरे ।
- नारायण नारायण ॐ
- सत्य नारायण नारायण नारायण ॐ
- नारायण नारायण ॐ
- सत्य नारायण नारायण ॐ
- सत्य नारायण नारायण ॐ
- ॐ जय सद्गुरु देवा ।।
अर्थ
जगाचे स्वामी असलेल्या श्री सत्यसाईंचा विजय असो ! दुष्ट प्रवृत्ती आणि संकटांचा नाश करणाऱ्या आपल्या भक्तांचे दुःख दूर करणाऱ्या आणि त्यांची काळजी घेणाऱ्या व रक्षण करणाऱ्या देवाधीदेव पतींच्या परमेश्वराचा विजय असो !
पूर्ण चंद्राप्रमाणे सुंदर आणि सर्वांना मोहित करणाऱ्या हे साईदेवा! तुम्ही सर्वांचे प्राणच आहात! आश्रयाला आलेल्यांची कल्पलता आहात! संकटग्रस्तांचे बांधव आहात! तुमचा विजय असो !
तुम्हीच आमचे माता, पिता, गुरु, परमेश्वर आहात! आमचे सर्वस्व आहात! जगन्नाथा, शेषशयना, तुमचा विजय असो,
हे ओंकार स्वरूपा, ओजस्वी साई-महादेवो! आमच्या मंगल आरतीचा वीकार करे! हे मंदार पर्वत धारण करणाऱ्या प्रभो! तुझा विजय असो !
प्रणवस्वरूप भगवान श्री सत्य साई नारायणाचे नामोच्चारण करा. परमप्रभु , सद्गुरुसाई, सत्यसाईंचा जयजयकार.
स्पष्टीकरण
| ॐ | सृष्टीचा आद्य ध्वनी |
|---|---|
| जय | जयजयकार |
| जगदीश | जगत् +ईश(universe + lord) |
| हरे | हरि |
| स्वामी | एक अर्थ -‘गुरु’ असा आहे |
| सत्य | सत्य |
| साई | प्रभु साईंना उद्देशून (गुरु) |
| भक्तजना | भक्तजन |
| संरक्षक | संरक्षण व पोषण करणारा |
| पर्ती महेश्वरा | पर्तीमध्ये प्रकट झालेला महेश्वर |
| शशी | चंद्र |
| वदना | मुख |
| श्रीकरा | श्री +करा श्री म्हणजे मांगल्य, धन इ. करा- दाता वा कारक |
| सर्वा | सर्व |
| प्राणपते | प्राण +पते ( प्राण शक्ती +स्वामी ) |
| आश्रित | आश्रयास आलेले |
| कल्पलतिका | इच्छापूर्ती करणारी लतिका |
| आपद् | संकट |
| बांधवा | बांधव |
| माता | माता |
| पिता | पिता |
| गुरु | गुरु |
| दैवमु | परमेश्वर |
| मरि | सुद्धा |
| अन्तयु | सर्वकाही |
| नीवे | अन्य कोणीही नाही केवळ तुम्ही |
| नादब्रह्म | नादब्रह्म |
| जगन्नाथा | जगाचा नाथ |
| नागेन्द्रा | नागलोकाचे प्रभु -आदिशेष |
| शयना | पहुडलेले |
| ॐ कार | निर्मितीचा आद्य ध्वनी |
| रुपा | स्वरुप |
| ओजस्वी | तेज, शक्ती, ऐश्वर्य आणि पौरुषत्व |
| मंगल आरती | मंगल आरती |
| अन्दुको | कृपया स्वीकारा |
| मन्दर | मन्दर पर्वत |
| गिरिधारी | गिरी + धारी ( पर्वत उचलून धरणारा ) भगवान कृष्णास ह्या नावाने संबोधले जाते कारण त्याने बालवयात त्याच्या करंगळीवर गोवर्धन पर्वत उचलून धरला होता |
| नारायण | भगवान विष्णुचे एक नाव- परमेश्वर |
| सद्गुरु | सत् +गुरु गुरु- अज्ञानाचा अंधःकार दूर करणारा |
| देवा | परमेश्वर |
Overview
- Be the first student
- Language: English
- Duration: 10 weeks
- Skill level: Any level
- Lectures: 1
-
पुढील वाचन



















