भगवान गणेश बुद्धि के साथ-साथ आध्यात्मिक ज्ञान के भी स्वामी हैं। वह गणों के स्वामी भी हैं, जो कैलाश पर्वत में रहने वाले शिव के सेवक हैं। गणों से ही समस्त जगत का पालन-पोषण होता है। तो गणेश गणों के स्वामी हैं जो ब्रह्मांड को बनाए रखते हैं। प्रत्येक का एक गुरू अथवा स्वामी होता है, परंतु गणेशजी एकमात्र ऐसे हैं जिनका कोई स्वामी नहीं है। गणेश को विघ्नेश्वर के नाम से भी जाना जाता है, जो सभी बाधाओं को दूर करते हैं। जो गणेश की पूजा करता है उसके रास्ते में कोई बाधा नहीं आ सकती है। गणेश चतुर्थी उस स्वामी के उस गुरू का जन्मदिन है जिसके ऊपर कोई नहीं है। गणेश चतुर्थी सभी को स्वास्थ्य और समृद्धि प्रदान करती है। कहा जाता है कि भाद्रपद मास की चतुर्थी को अगर हम गणेश जी की पूजा करते हैं तो हमें गणेश जी की कृपा प्राप्त होती है। यह पवित्र त्योहार भारत में ही नहीं अपितु कई जगहों पर मनाया जाता है। गणेश जी के उपदेश इतने गहन हैं कि उनका हर अक्षर अमूल्य और पवित्र है!
आइए इन वर्गों के माध्यम से गणेश महिमा के सागर में गोता लगाएँ जिनमें दिव्य प्रवचन, श्लोक, गीत, कहानियाँ, रोचक गतिविधियाँ, शिल्प और खेल शामिल हैं।