भारतीय लोगों के लिए, सत्य एक मूल्य है जिसे वेदों, सभी पवित्र शास्त्रों और राष्ट्रीय आदर्श वाक्य में घोषित किया गया है। महाकाव्यों और धार्मिक कहानियों से लेकर स्वतंत्रता सेनानियों तक ऐसे महापुरूषों के उत्कृष्ट उदाहरण हैं जिन्होंने सत्य का पालन किया और सफलता प्राप्त की।
वेद कहते हैं कि सत्य, मनुष्य का आधारभूत जीवन सिद्धांत है। एक बार इंद्र ने प्रह्लाद से उसका शील अर्थात् चरित्र उपहार में प्राप्त कर किया। जब चरित्र ने प्रह्लाद को छोड़ा, तो प्रसिद्धि की देवी, वैभव, समृद्धि और कौशल ने उन्हें एक के बाद एक छोड़ दिया। प्रह्लाद ने उन्हें जाने दिया। लेकिन जब सत्यम (सत्य) जाने लगा तो प्रह्लाद ने देवी से उसे न छोड़ने की प्रार्थना की। जिस क्षण सत्य प्रह्लाद के साथ रहा, प्रसिद्धि, समृद्धि आदि का प्रतिनिधित्व करने वाले अन्य देवता भी लौट आए।
चूँकि सत्य को अन्य सभी मूल्यों का आधार माना जाता है, इसलिए “सत्य ही ईश्वर है” नामक एक कहानी हमारे बालविकास पाठ्य्क्रम के प्रथम वर्ष में सूचीबद्ध है।