- प्रेम ईश्वर है, ईश्वर प्रेम है। इसीलिए प्रेम से रहो।
- तीन डी हैं – कर्त्तव्य (ड्यूटी), भक्ति (डिवोशन), अनुशासन (डिसिप्लिन)
- तीन डब्ल्यू हैं – कार्य (Work), ज्ञान (Wisdom), पूजा (Worship).
- तीन डब्लयू जिन्हें त्यागना चाहिए – शराब (वाईन), संपत्ति (वेल्थ) तथा स्त्रियॉं (वुमेन)
- चार एस हैं – आत्मा त्याग (Self-Sacrifice), आत्मविश्वास (Self-Confidence) ,आत्मसंतोष (Self-Satisfaction) और आत्मबोध (Self-Realisation)।
- नीति के बिना व्यापार, मानवता के बिना विज्ञान ,सिद्धांत के बिना राजनीति, निश्चित रूप से व्यर्थ तथा ख़तरनाक है।
- क्रोध और असहिष्णुता हमारे सही समझ के जुड़वाँ शत्रु हैं।
- प्रेम निःस्वार्थता है, स्वार्थ, प्रेमविहीनता है।
- भगवान का नाम उसके स्वरुप की अपेक्षा अधिक शक्तिशाली होता है।
- यदि तुम उपकृत नहीं कर सकते, तो कम से कम विनीत भाव से बोलो।
- प्रेम, चिंतन के स्तर पर सत्य है, क्रिया के रूप में सदाचार है, अनुभूति के स्तर पर शांति है, तथा समझ के स्तर पर अहिंसा है।
- संपूर्ण प्रयास ही संपूर्ण विजय है।
- अनुशासन एवं शांति प्राप्त करने का एक मात्र मार्ग प्रार्थना है।
- यदि धन खोया तो कुछ नहीं खोया, यदि स्वास्थ्य खोया तो कुछ खोया, परंतु चरित्र खोया तो सब कुछ खो दिया।
- चार एफ़ हैं । ( F’s ) :
अपने स्वामी का अनुसरण करो । (Follow)
शैतान का डटकर सामना करो । (Face)
अंत तक संघर्षरत रहो । (Fight)
खेल को समाप्त करो । (Finish) - प्रार्थना याचना नहीं आत्मा की उत्कंठा है।
भगवान बाबा के कथन
Overview
- Be the first student
- Language: English
- Duration: 10 weeks
- Skill level: Any level
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