विभिन्न धर्मों को रहने दो, उन्हें फलने-फूलने दो, ईश्वर की महिमा का गान सभी भाषाओं में विभिन्न धुनों होने दो। यही आदर्श होना चाहिए। विश्वासों के बीच के मतभेदों का सम्मान करो और उन्हें तभी तक मान्यता दो जब तक एकता की लौ पर कोई आंच न आये। मैं किसी भी आस्था में व्यवधान उत्पन्न करने अथवा नष्ट करने नहीं आया हूंँ, बल्कि प्रत्येक को उनके स्वयं के विश्वास को पुष्ट करने के लिए आया हूंँ – ताकि ईसाई एक बेहतर ईसाई, मुस्लिम, एक बेहतर मुस्लिम और हिंदू एक बेहतर हिंदू बनें। – बाबा
स्वामी ने समस्त मानव जाति को सभी धर्मों की एकता के विषय में निरंतर याद दिलाया है। आइए हम मनुष्य के भ्रातृत्व एवं ईश्वर के पितृत्व को बढ़ावा देने वाले इन सर्वधर्म भजनों को गाएंँ।