विभिन्न योग एवं उनके दृष्टांत
जीवात्मा के परमात्मा से पुनर्मिलन के लिए गीता में विभिन्न योगों का वर्णन है। इस पुनर्मिलन की अवस्था का वर्णन बाईबिल में प्रभु यीशु मसीह के द्वारा सुनाई गई अव्ययी पुत्र की कहानी में भी मिलता है। इस कहानी में पुत्र अपने निवास स्थान पर अपने उस पिता के पास वापस लौट आता है, जो उससे बहुत अधिक प्रेम करते हैं। जीवन की अशान्ति तथा उतार-चढ़ाव से मुक्त हो, जीव अपने उस मूल स्वरूप में स्थित हो जाता है, जो आनंद और सुन्दरतम् है; निश्चय ही यह परमात्मा का ही स्वरूप है।
भगवान श्रीकृष्ण ने जिन विभिन्न मार्गों का वर्णन किया हैं वे हैं:
- कर्म योग
- भक्ति योग
- राजयोग
- ज्ञान योग।