अद्वेष्टा

ऑडियो
श्लोक
अद्वेष्टा सर्वभूतानां मैत्र: करुण एव च।
निर्ममो निरहंकारः समदुःख-सुख: क्षमी।।
भावार्थ
कभी भी किसी के प्रति द्वेष नहीं रखना चाहिए। व्यक्ति को करुणामय होना चाहिए और आसक्ति और अहंकार (मैं और मेरा की भावना) से मुक्त होना चाहिए। उसे दुःख और सुख दोनों में सम भाव वाला होना चाहिए। व्यक्ति को क्षमाशील होना चाहिए।
वीडियो

व्याख्या
| अद्वेष्टा | द्वेष भाव से रहित |
|---|---|
| सर्वभूतानाम् | सब प्राणियों में |
| मैत्र: | मित्रवत |
| करुण एव | दयालु |
| च | और |
| निर्मम: | ममता रहित(मैं और मेरेपन की भावना से मुक्त) |
| निरहंकारः | अहंकार रहित |
| सम | समान |
| दु:ख | दु:ख |
| सुख: | खुशी |
| क्षमी | क्षमाशील |
Overview
- Be the first student
- Language: English
- Duration: 10 weeks
- Skill level: Any level
- Lectures: 1
-
FURTHER READING





















