दीप ज्याति
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श्लोक
- दीप ज्याति पर ब्रह्म
- दीप ज्योति परायणे।
- दीपेन हरते पापम्
- सन्ध्या दीप सरस्वती ॥
भावार्थ
दीपक की लौ परमात्मा का प्रतीक है। दीपक की प्रकाश युक्त लौ पर ध्यान लगाने से हमारे पाप नाश होते है। सन्ध्या समय जो दीपक जलाया जाता है, वह सरस्वती का ही रूप है, सरस्वती ज्ञान की देवी है|
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- Language: English
- Duration: 10 weeks
- Skill level: Any level
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