पृथ्वी पर शांति हो और इसकी शुरुआत मुझसे हो।
जीवन में प्रत्येक व्यक्ति ख़ुशी की तलाश करता है, चाहे वह आइसक्रीम माँगने वाला बच्चा हो, शांति चाहने वाला बुजुर्ग व्यक्ति हो, या अमीर बनने की इच्छा रखने वाला कोई महत्वाकांक्षी व्यक्ति हो।
अधिकांशतः समस्या यह होती है कि एक बार जब हम अपना लक्ष्य हासिल कर लेते हैं, तो हमारी खुशी अल्पकालिक होती है। जल्द ही, असंतोष एक बार फिर से अपना सिर उठा लेता है और हम सपने देखना शुरू कर देते हैं कि ऐसा क्या है जो वास्तव में हमें खुश करेगा!
आज की दुनिया का एक विरोधाभास यह है कि हमारे लिए अपने ‘आंतरिक जगत’ में प्रवेश करने की तुलना में बाहरी दुनिया में उद्यम करना आसान लगता है। फिर भी सबसे कीमती उपहार जो हम अपने बच्चों एवं स्वयं को दे सकते हैं, वह है आंतरिक संतुष्टि और मन की शांति पाने की क्षमता।
12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए “निर्देशित मानस दर्शन” इस आंतरिक संतुष्टि और मन की शांति को खोजने के उद्देश्य से अंदर की ओर यात्रा करने के लिए बहुत प्रभावी है। सत्र किसी भी मूल्य परक विषय वस्तु पर आधारित हो सकता है।