सत्संगत्वे निस्संगत्वं
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श्लोक
- सत्संगत्वे निस्संगत्वं,
- निस्संगत्वे निर्मोहत्वम्।
- निर्मोहत्वे निश्चलतत्वं,
- निश्चलतत्वे जीवनमुक्ति:॥
भावार्थ
सज्जनों के सत्संग से सांसारिक आकर्षण समाप्त हो जाता है। संसार से लगाव कम हो जाने से मोह का अंत हो जाता है। मोह नष्ट होने से चित्त निश्चल होता है और निश्चल चित्त से जीवन मुक्ति उपलब्ध होती है।
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व्याख्या
सत्संगत्वे | अच्छी संगति में |
---|---|
निस्संगत्वम् | अकेलापन, वैराग्य |
निर्मोहत्वम् | मोह न होना |
निश्चलतत्वम् | शांति अथवा स्थिरता |
जीवनमुक्तिः | मोक्ष |
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