भारतवर्ष जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में कई महान विभूतियों से अनुग्रहित है। जिन्होंने मानव चेतना के उत्थान के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। यह इस देश में युगों युगों से निरंतर एक विषय रहा है। यदि कोई अपने व्यक्तिगत लक्ष्यों को प्राप्त कर लेता है तो यह पर्याप्त नहीं है। समाज का ऋण चुकाना भी हमारा कर्त्तव्य है। स्वामी ने कहा है कि हमारा जीवन बर्फ के टुकड़े के समान है। खर्च करने से पहले उसे दूसरों की सेवा में लगाना चाहिए। स्वामी ने कई अवसरों पर रामकृष्ण परमहंस, विवेकानंद और महात्मा गांधी जैसे लोगों से सीखी जा सकने वाली महानता और सबक के बारे में बात की है। छात्रों को यह जानना चाहिए कि ये महान व्यक्ति किस तरह का जीवन जीते हैं। उन्हें उनके जीवन से कुछ प्रेरणास्पद गुणों और पाठों का अभ्यास करने का प्रयास करना चाहिए।